32 आगुए प्ह्रेंस्योने प्रबै म्हि आमादु ग; चइ ह्रोंसन् नास लवाम्!
छबिमा फारो म्रुँइ योसेफने बिइ, “परमेश्वरजी क्हिने ताँन् सैमैं उँइँमिंइमुँ। धै क्हि धों तबै ह्रब्-सेबै म्हि अरू खाबै आरे।
“ब्यभिचार आलद्।
च्हैब् मैंब् लसि ताँ क्होबै म्हिइ बुद्धिए ताँ पोंम्, दिलेया आमाबै म्हिए ल्हागिर प्हरे चैदिम्।
ठिक के लबै म्हिइ पोंबै ताँइ ल्हें म्हिलाइ छ्याँब् लम्, दिलेया ज्ञान बुद्धिए ताँ आथेबइले आमादुमैं नास तयाम्।
ताँ आक्होल् आखाँबै म्हिइ ह्रोंसए ङ्हेब्मैंए बिल्लि लप्रम, दिलेया ताँ क्होबै म्हि ल्हें आपोंल्ले टिम्।
ह्रोंसए म्रों ताब् क्ल्योब लसि रा-रोमैं रुँइँब्मैंने चबै सै ल्हें तम्, दिलेया केर आफेबै म्हिमैंए लिलि प्रब्मैं बुद्धि आरेब्मैं ग।
क्हिए न्हेमेइ बुद्धिए ताँ थेइ बिस्याँ, क्होल् त्हुबै ताँमैंउँइँ क्हिए सैं छेनाले ल्हैदिस्याँ,
ङ प्ल्हेगु म्हिए म्रोंए घ्याँ ततै ह्यामा बुद्धि आरेबै म्हिए अँगुरए बारि ततै ह्यामा
छाबै म्हिलाइ ताँनइ प्रिंमुँ धै चए न-मि ह्याम्, धै चए आब्रु ह्याबै ताँ खोंयोंइ म्हरिब् आरे।
आह्र-आसेबै फ्रेंसिमैंए म्हाँजोर कत्ति क्होल् आखाँबै म्हि घ्रि ङइ म्रोंइ।
दिलेया ङने त्होल् आम्हैबै म्हिइ ह्रोंसलाइन नास लम्; ङलाइ हेल लबै म्हिइ कालने म्हाँया लम्।”
“ओ बुद्धि आरेब्मैं चुर खो!” बिदै ताँनलाइ हुइमुँ,
ताँन् म्हिमैंए उँइँर ब्ह्या इजेत मुँल्ले तल् त्हुम्। ब्ह्या लल् खाँबै लिउँइँ मुँयुँमैं खाबज्यै या छमिं न्हल् आत, छलेन च्हमिरिमैंज्यै या फ्रें क्ल्योंल् आत, तलेबिस्याँ छाबै के लब्मैंए फिर परमेश्वरजी थेबै दण्ड पिंम्।