18 क्हिए प्ह्रेंस्यो क्हिए ल्हागिर आशिक तरिगे, धै क्हिए बैंसर्बै प्ह्रेंस्योने क्हि सैं तोंन्।
क्हिए क्यौदुउँइँर्बै क्यु घ्याँजरे तले ङेयाल् पिंब? धै क्हिए स्योंर्बै क्यु बजार जरे बग्दिल् पिंम्मा?
च क्यु क्हिए ल्हागिर मत्त्रे तरिगे, आगुए ल्हागिर तिफुँइ आतरिगे।
धै “ह्योइरि थुँबै क्यु लिंब तम्, लोइरि चबै क्हें ङाँबो खम्।” बिसि चइ बिम्।