5 “बुद्धि म्हैद्, च्हैंब् मैंब लल् खाँब तद्; ङइ बिबै ताँमैं आम्लेद्, धै ङइ बिबै ताँमैं थेलैया आथेब् धों आलद्।
ङलाइ ह्रुगुदिबै शत्तुरमैं ल्हें मुँ, दिलेया क्हिजी तामैं बिब् धोंलेन् प्ररिब ङ आपिइमुँ।
तोंन् तोर्न थेब् प्हैंब्मैंइ ङलाइ प्ह्रसि निस्योइमुँ, दिलेया क्हिए ठिमउँइँले ङ ह्रेंगो आतइमुँ।
दुःखन् तनाबिलेया ङिए सैं क्हि ङाँइन मुँ, क्हिइ तेंबै घ्याँउँइँले ङि छाइ-छुइ आतइमुँ।
मारा योंब् भन्दा बुद्धि योंब छ्याँब् ग, धै चाँदि भन्दा ज्ञान बुद्धिलाइ त्हाँन्।
बुद्धि आम्हैबै आमादुए योर मुँबै मुइ तो केर फेमुँ?
आक्ह्रिबै म्हि लोबए लिलि प्रम्; धै छाबै म्हिइ क्ह्रिल् खाँबै ताँमैं थोम्।
बुद्धि म्हैबै म्हिइ ह्रोंसलाइ म्हाँया लम्, ज्ञान बुद्धि म्हैबै म्हिल बिब् धों मैंब् धों तम्।
क्ह्रोंसेंन्बै ताँ किंनु, धै च आचुँन्; सिरसुबास मुँब नेरो ताँ क्होबै म्हि तदु।
ओ ङए च्ह, ङइ लोमिंबै ताँमैं आम्लेद्, ङइ बिबै ताँमैं ह्रोंसए खोंर थेंन्।
बुद्धि छ्याँबै ताँ ग; छतसि बुद्धि म्हैद्, क्हिइ तोन्दोंरि सै योंलेया च्हैंब् मैंब लल् खाँब तद्।
ओ बुद्धि आरेब्मैं, बुद्धि म्हैद्; ओ आमादुमैं, च्हैंब्-मैंब् लल् खाँब्मैं तद्।
क्हेमैंए न्होंर खाबलाज्यै बुद्धि चैदिस्याँ ह्रिस आखल्ले सैं तों-तोंदै पिंबै परमेश्वरने ह्रिरिगे। छले ह्रिस्याँ खीजी पिंब्मुँ।