18 बुद्धि ख्वेब्मैंए ल्हागिर च छ्ह योंबै सिंधुँ ग; च क्हाब्मैंइ आशिक योंम्।
झाइले ङ्ह्योबर छ्याँब, चबर लिंबै रो रोबै ल्हें सिंधुँमैं याहवेह परमेश्वरजी सउँइँले म्लोमिंइ। धै बगैंचाए म्हाँजोर खोंयोंइ आखाँबै छ्ह योंबै सिधुँ नेरो छ्याँब आछ्याँब फेलल् खाँबै ज्ञान पिंबै सिंधुँ या रुँइँइ।
धै याहवेह परमेश्वरजी बिइ, “ङ्यो धोंलेन् म्हि छ्याँब-आछ्याँब सेल् खाँब् तइमुँ। तारे चइ खोंयोंइ सोल् योंबै सिंधुँर्बै रो टोंसि चल् आयोंरिगे। आस्याँ च खोंयोंन् बिलै सोरिब्मुँ।”
ठिक के लबै म्हिइ छ्याँबै छ्ह थोब्मुँ, धै म्हिमैंलाइ छ्याँबै घ्याँर डोरेल् खाँबै म्हि बुद्धि मुँब् ग।
आशा थेंबै सै आयोंमा सैं सिम्, दिलेया सैर मैंब् धों तमा भों खम्।
छ्याँबै सुँइ पोंमा नरिबै सैं या सम्, दिलेया स्योलिबै ताँ पोंबै लेइ सैं नल् लम्।
अर्तिए ताँमैं खोंयोंन् बिलै मैंथेंन्; चलाइ स्योरल् आपिंन्, चइ बिब ङेन, तलेबिस्याँ चइ क्हिलाइ छ्ह पिंम।
“ओ ङए च्हमैं, तारे ङए ताँ थेद्; ङए घ्याँर प्रब्मैंइ आशिक योंब्मुँ।
ङए ताँ थेबै म्हिइ आशिक योंम्, चइ त्हिं ह्रोंसे ङए म्राउँइँन ङ्होरिमुँ, धै ङए म्रार पैंरिम्।
“पबित्र प्ल्हजी बिश्वासीमैंने बिबै ताँ न्ह मुँब्मैंइ छेनाले थेरिगे। “शैतान दुष्टए फिर ट्होगों तब्मैंलाइ परमेश्वरए बगैंचार मुँबै छ्ह पिंबै सिं धुँर्बै रोमैं ङइ चल् पिंब्मुँ।”
सहरए म्हाँजोर्बै घ्याँ तसि स्यों प्ररिल। च स्योंए रेर छ्ह पिंबै सिं धुँ मुँल। च धुँर सालर्बै च्युसे ङ्हिं म्हैनन् च्युसे ङ्हिं खालर्बै रोमैं रोमल। च सिंधुँए प्हो ह्रें-ह्रेंमैंलाइ सल् लबै ल्हागिर मुँल।