1 ओ ङए च्ह, ङइ लोमिंबै ताँमैं आम्लेद्, ङइ बिबै ताँमैं ह्रोंसए खोंर थेंन्।
क्हिए बिरोधर ङइ पाप आलरिगे बिसि क्हिजी बिबै ताँमैं ङए सैं न्होंर जोगेसि थेंइमुँ।
क्हिए ठिम ङइ आम्लेइमुँ, छतसि ङए दुःख ङ्ह्योमिंसि ङ फ्रेमिंन्।
क्हिजी पिंबै ठिममैंर ङए सैं तोंरिब्मुँ; धै क्हिए ताँमैं ङ खोंयोंइ म्लेरिब् आरे।
म्हयाबै क्यु धों ङ तप्ररिइमुँ; ह्रोंसए केब्छैंलाइ म्हैदु, तलेबिस्याँ क्हिए ताँमैं ङइ आम्लेइमुँ।
ङलाइ क्होल् खाँबै शक्ति पिंन्, धै ङइ क्हिए ठिमर्बै ताँमैं म्हाँदिब्मुँ; धै ङए खों न्होंउँइँलेन् ङ ङिंब्मुँ।
दुष्ट म्हिमैंइ ङलाइ छोइ फैथेंलैया क्हिए ठिमर्बै ताँमैं ङ म्लेरिब् आरे।
क्हिजी लोदा सैंदा लबै ताँमैं ङ खोंयोंइ म्लेरिब् आरे, तलेबिस्याँ चमैंउँइँलेन् ङ सोरिल् योंइमुँ।
ह्रिंबै छ्ह पिंसि ङइ चलाइ सन्तोक् लमिंब्मुँ धै चलाइ जोगेमिंब्मुँ,” बिसि ङइ दर्शन पिंब्मुँ।
दिलेया ङलाइ म्हाँया लब्मैं नेरो ङइ बिबै ताँ ङिंब्मैंए हजार-हजार पुस्ताए फिर ङ ल्हयो खब्मुँ।
ओ ङए च्ह, ह्रोंसए आबाए ताँ थेद्, धै ह्रोंसए आमाए अर्थिमैं आम्लेद्।
सारबै क्र ङ्हेबै क्रेगि ग; ठिक के लब्मैंइ ह्रिंबै छ्ह योंम्।
ओ ङए च्ह, ङए ताँ क्हिइ छेनाले थेइ बिस्याँ, ङइ बिबै ताँमैं क्हिए सैं न्होंर थेंइ बिस्याँ,
ओ ङए च्ह, क्हिए सैं ङलाइ पिंन्; ङइ लबै केमैं क्हिए मिइ म्रोंरिगे।
आस्याँ चमैंइ प्हा थुँसि कानुनर्बै ताँमैं म्लेयाब्मुँ, धै दुःख योंब्मैंइ योंल् त्हुबै हग योंरिब् आरे।
तलेबिस्याँ ङइ क्हेमैंलाइ छ्याँबै ताँमैं लोमिंमुँ, छतसि ङए अर्तिमैं आम्लेद्।
क्हिउँइँले च ताँमैं स्योरसि ह्याल् आपिंन्; च ताँमैं क्हिए खोंर थेंन्।
“बुद्धि म्हैद्, च्हैंब् मैंब लल् खाँब तद्; ङइ बिबै ताँमैं आम्लेद्, धै ङइ बिबै ताँमैं थेलैया आथेब् धों आलद्।
बुद्धिइ थेबै कैले हुइरिमुँ! च्हैंब्-मैंब् लल् खाँबै शक्तिइ थेबै कै तेइमुँ!
बुद्धिइ ह्रोंसए धिं बनेइमुँ; चइ त्हो ङिउलो क्योइमुँ।