20 सैंर दुःख मुँबै म्हिए उँइँर क्वे प्रिंब खुँबै त्हेर खिबै क्वें प्हेंसि बोब, नेरो घार चज क्युँ झोंब् धो तम्।
क्युँइ स कृब धोंले धै मिखुइ मि ख्रोंब् धोंले, प्ल्हेगुलाइ के लबर कुलस्याँ, कुलबै म्हिलाइ चइ छलेन् दु:ख पिंब्मुँ।
दुःख तबै त्हेर भर लल् आखाँबै म्हिए फिर भर लब चुयाबै स नेरो जोर्नि प्ल्ह्याबै प्हले धों तब् ग।
क्हिए शत्तुर फो ख्रेंइमुँ बिस्याँ चब् चल् पिंन्, धै क्यु पिइमुँ बिस्याँ चलाइ क्यु पिंन्।
सैं तोंब्मैंने बालु सैं तोंन्, क्रोब्मैंने बालु क्रोद्।
छले बिश्वास लसि लबै प्राथनाइ नबै म्हि सब्मुँ। धै प्रभुजी चए नब सल् लमिंम्, झाइले चइ पाप लइमुँ बिस्याँ चइ क्षमा योंब्मुँ।