19 ओ ङए च्ह, थेद्, धै बुद्धि मुँब तद्, धै क्हिए सैंइ बुद्धिए ताँमैं मैंरिद्।
अर्थिए ताँमैं क्हिए सैंर थेंन्, धै क्हिए न्हइ ज्ञान योंबै ताँमैं छेनाले थेद्।
ओ ङए च्ह, क्हिए सैं ङलाइ पिंन्; ङइ लबै केमैं क्हिए मिइ म्रोंरिगे।
क्हिइ लबै केमैं ताँन् छ्याँब तरिगे बिसि। क्हिइ च्हैंसि-मैंसि के लद्;
ओ प्ल्हेगु, नौरो ङाँर ह्यासि चइ लबै के ङ्ह्योद्, धै बुद्धि मुँब् तद्।
आछ्याँबै के लब्मैंने आप्रद्, ताँ क्होद् धै लोद्। छलस्याँ क्हेमैं सोब्मुँ,” बिम्।