17 बुद्धि मुँब्मैंइ बिबै अहानमैं छेनाले थेद्, ङइ लोमिंबै ताँमैं क्हिए सैंर थेंन्,
ओ ङए म्हिमैं, ङइ लोमिंबै ताँमैंर न्ह तोद्; ङइ बिबै ताँमैं छेनाले थेद्।
छतसि ङिइ बुद्धि योंल् खाँरिगे बिसि ङिए छ्ह कति रिंन्ठि मुँ बिसि ङिलाइ लोमिंन्।
झाइले च्हैंब-मैंब लब नेरो छ्यान्पर्गन मुँबै छ्ह थोब्मुँ।
अर्थिए ताँमैं क्हिए सैंर थेंन्, धै क्हिए न्हइ ज्ञान योंबै ताँमैं छेनाले थेद्।
म्हि ङ्ह्यासि निसाफ लल् आत।
ओ ङए च्ह, ङइ लोमिंबै ताँमैं आम्लेद्, ङइ बिबै ताँमैं ह्रोंसए खोंर थेंन्।
पत्रुसइ छले ताँ लनालन् चारबै न्हाँम्स्योइ खेमैंलाइ हुवाइ। धै “चु ङइ खोबै च्ह ग। चु म्रोंसि ङ बेल्ले सैं तोंइमुँ। चइ बिबै ताँ छेनाले थेद्!” बिबै कै च न्हाँम्स्यो न्होंउँइँले थेइ।