15 मारा, चाँदिमैं ल्हें मुइ फेबै सै मुँन बिलेया, च भन्दा थेब ज्ञान बुद्धिए ताँ पोंबै म्हि ग।
छ्याँबै जवाफ पिंल् योंमा म्हि सैं तोंम्, धै ठिक त्हेर पोंबै ताँ कति छ्याँब तम्।
बुद्धि मुँबै म्हिइ खन्तोदोंन् ज्ञानए ताँ बिप्रम्, आछ्याँबै सैं मुँबै म्हिइ बिस्याँ छ आल।
मारा योंब् भन्दा बुद्धि योंब छ्याँब् ग, धै चाँदि भन्दा ज्ञान बुद्धिलाइ त्हाँन्।
बुद्धि मुँबै म्हिलाइ ह्रब् सेब बिमुँ, धै छ्याँबै ताँइ म्हिमैंलाइ ह्रब् सेब् लम्।
छ्याँबै ताँमैं क्वे खुदुए न्हाँज्यु धों तम्, चइ म्हिमैंलाइ भों पिंम्, धै सैं तोंन् लम्।
समन किंबै म्हिइ “चुम् छ्याँब आरे! छ्याँब आरे!” बिमुँ, दिलेया दे क्याइ फेसि “ङइ बेल्ले भाउ कसेसि किंइ!” बिम्।
ङो आसेबै म्हिए जमानि टिबै बुद्धि आरेबै म्हिल क्वें या किंथेंन्; धै फ्रें क्ल्योंप्रबै च्हमिरिए ल्हागिर चइ जमानि टिस्याँ चने मुँबै सैमैं बन्दगिर थेंन्।
छेन्ले थेबै म्हिए ल्हागिर बुद्धि मुँबै म्हिइ हौदिबै ताँ निखुर माराए ङ्हेंबै रिङ न्हर खिब् धों तब् ग।
हिरा-मोति भन्दा च सै ल्हें फेम्, क्हिइ खोबै तोइ सैमैंने या च च्हैंल् आखाँ।
छलस्याँ छ्याँबै घ्याँर खैले प्रल् त्हुम् बिबै ताँ क्हिइ सेब्मुँ, धै क्हिए म्हदेइ ज्ञान बुद्धिए ताँ पोंब्मुँ।
चाँदि भन्दा ङए अर्ति थेद्, छ्याँबै मारा भन्दा ङए ज्ञान म्हैद्,
तलेबिस्याँ हिरा-मोति भन्दा बुद्धि ठिक मुँ, क्हिइ म्हैबै छ्याँ-छ्याँबै सैमैं बुद्धिने च्हैंल् आखाँ।
आछ्याँबै ताँ क्हेमैंए सुँउँइँले आत्होंरिगे, बरु थेब्मैंलाइ आशिक खल्ले आगुलाइ छ्याँबै घ्याँर डोरेबै छ्याँबै ताँमैं मत्त्रे पोंब्रें लद्।