11 छले च्हैंब्-मैंब् लल् खाँबइले आछ्याँबै केउँइँले क्हि फ्रेब्मुँ, ह्रब-सेब तल् खाँसि क्हि दुष्टमैंउँइँले जोगेब्मुँ।
ङइ स्योर आतेइमुँ, ङइ लबै छ्याँब आछ्याँबै केमैं ताँन् ङइ क्हिनेन् बिइमुँ। छतसि ङलाइ जोगेमिंन्, तलेबिस्याँ ङइ क्हिए फिर्न आशा थेंइमुँ।
आह्र-आसेब्मैं ह्रब्-सेब् तब्मुँ, फ्रेंसि-छमिमैंइ ज्ञान-बुद्धि योंब्मुँ।
बुद्धिए ताँलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्, चइ क्हिए रक्षा लब्मुँ; चलाइ म्हाँया लद्, चइ क्हिलाइ छेनाले डोरेब्मुँ।
छतसि खैले छ्ह थोरिइमुँ सैंर मैंन्, आह्र-आसेबै म्हि धोंब आतद्, बुद्धि मुँबै म्हि धोंलेन् छ्ह थोद्।