29 खैच्हिजिले पोंब्मैंए ल्हागिर दण्ड, धै बुद्धि आरेबै म्हिए क्होर प्रिंबै ल्हागिर कोर्रामैं तयार लथेंइमुँ।
दुष्टमैंए सल्लार आप्रब, नेरो पापिमैंइ लब् धोंले आलब, धै परमेश्वर स्यारब्मैंने बालु आटिबै म्हिइ आशिक योंम्।
“ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ? खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ, ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
छतसि क्हेमैंए फिर आफत तमा ङ निस्योब्मुँ। धै क्हेमैंए फिर दु:ख तमा ङइ क्हेमैं प्ह्रब्मुँ।
च्हैब् मैंब् लसि ताँ क्होबै म्हिइ बुद्धिए ताँ पोंम्, दिलेया आमाबै म्हिए ल्हागिर प्हरे चैदिम्।
ताँ क्होबै म्हिलाइ तिला लोदा सैंदा लमा छ्याँब तम; दिलेया बुद्धि आरेबै म्हिलाइ कोर्राइ प्रखे प्रुलेया तार आख।
आमादुइ पोंबै ताँइ प्होंगि मिम्, धै ह्रोंसए सुँइ लमन् चलाइ आगुइ प्रिंम्।
घोडालाइ कोर्रा, गधालाइ लगाम झोंब् धोंले, आमादुए क्होर प्हरेइ प्रिंल् त्हुम्।
आगुलाइ प्ह्रब्मैंलाइ खीजी प्ह्रम्, दिलेया कुरब्मैंलाइ खीजी ल्हयो खम्।
धै सैबर बोबै क्ल्या धोंले, धै तिंर मेइ आम्लोन् समा फो सैं तोंदै उफर्दिमा ङोर फेब् धोंले,
क्हि बुद्धि मुँब् तइ बिस्याँ, बुद्धिइन क्हिलाइ इनाम पिब्मुँ; दिलेया खैच्हिजिले पोंस्याँ क्हिज्यै दु:ख योंब्मुँ।
तलेबिस्याँ याहवेहजी म्हाँया लब्मैंलाइ छ्याँबै बानि तरिगे बिसि तार झोंम्, धै ह्रोंसजी खोबै प्हसेमैंलाइ खीजी दण्ड पिंम्।”