21 सैब नेरो सोल् लबै शक्ति लेर मुँ, खैलि पोंइमु, चमैंइ चए रो चब्मुँ।
“आखाँम्मैं लुडिवाइमुँ, धै ङ्हाँदुमैंइ दुःखए सो हेंइमुँ। छतसि तारे ङ रेब्मुँ, धै चमैंए न्होह्रों लब्मैंउँइँले ङइ चमैं जोगेमिंब्मुँ,” बिसि याहवेहजी बिमुँ
ठिक के लबै म्हिए सुँउँइँले बुद्धिए ताँमैं पोंम्, दिलेया स्योलिबै ताँ पोंबै ले थोवाब्मुँ।
ठिक के लबै म्हिइ छ्याँबै छ्ह थोब्मुँ, धै म्हिमैंलाइ छ्याँबै घ्याँर डोरेल् खाँबै म्हि बुद्धि मुँब् ग।
ह्रोंसइ पोंबै आछ्याँबै ताँइ लमा दुष्ट म्हि ङोर फेम्, दिलेया ठिक के लबै म्हि बिस्याँ दुःखउँइँले जोगेम्।
सुँइ खैच्हिजिले आपोंइ बिस्याँ ह्रोंसए फिर दुःख तबइले जोगेम्।
छतसि दुष्टए सेवा लब्मैं परमेश्वरए सेवा लब्मैं धोंले प्रलेया औदिबै ताँ आङिं। चमैंइ लबै केए नों लिउँइँ योंब्मुँ।
दिलेया नास तब्मैंए ल्हागिर ङ्यो सिनु थाँ नाँब् धों तम्। छतसि चमैं नर्गर फेनेम्। मुक्ति योंब्मैंए ल्हागिर ङ्यो लिंबै थाँ खबै धुप धोंन् तम्। छतसि चमैं स्वर्गर फेनेम्। च्हौ थेबै के खाबइ लल् खाँम्?
आछ्याँबै ताँ क्हेमैंए सुँउँइँले आत्होंरिगे, बरु थेब्मैंलाइ आशिक खल्ले आगुलाइ छ्याँबै घ्याँर डोरेबै छ्याँबै ताँमैं मत्त्रे पोंब्रें लद्।
क्हेमैंइ अरूलाइ खोंयोंइ सैं नल् आलल्ले छ्याँबै सैं मैंसि ताँ पोंल् त्हुम्। धै ताँन् म्हिमैंने खैले जवाफ पिंल् त्हुम् बिसि क्हेमैंइ सेल् खाँम्।
चमैंइ ङिम् ङिन् ग बिब् प्हैंसि थे-थेबै ताँमैं लम्, धै भर्खर आछ्याँबै घ्याँ पिसि छ्याँबै घ्याँर ल्हैदिब्मैंलाइ ज्युउँइँले खबै इच्छार लोब उँइँमिंसि फस्ला फस्लु लवाम्।