28 ठिक के लबै म्हिइ च्हैंसि मैंसि जवाफ पिंम्, दिलेया दुष्ट म्हिए सुँउँइँले आछ्याँबै ताँमैं ल्हें त्होंम्।
ङ्ह्योद्, चमैंए सुँउँइँले तो त्होंमुँ? चमैंए ले सेलाँ धों तब् मुँ; चमैंए सैंर “ङिइ छ बिब खाबज्यै आथेइमुँ!” ङ्हाँम्।
ताँ ल्हें पोंमा आछ्याँबै तल् खाँम्, दिलेया च्हैंसि मैंसि पोंबै म्हि बुद्धि मुँब् ग।
ठिक के लबै म्हिए सुँइ ताँनइ क्वेंबै ताँमैं पोंम्, दिलेया दुष्ट म्हिए सुँइ बिस्याँ सैं नल् लबै ताँमैं मत्त्रे पोंम्।
बुद्धि मुँबै म्हिइ च्हैंसि मैंसि के लम्, दिलेया आमादुमैंइ तोइ आच्हैंन्ले के लम्।
बुद्धि मुँबै म्हिइ ठिक ताँमैं पोंम्, दिलेया आमादुमैंइ बुद्धि आरेबै ताँमैं लम्।
बुद्धि मुँबै म्हिइ च्हैंसि मैंसि पोंम्, धै चइ पोंबै ताँइ म्हिमैं ह्रब् सेब् तम्।
ह्रिस आम्हन् समा आमादुमैं पोंबै पोंब् तम्; दिलेया बुद्धि मुँबै म्हिइ ह्रिस थाउदिम्।
च्हैंब् मैंब् आलल्ले पोंबै म्हि क्हिइ म्रोंइमुँ वा? चने भन्दा आमादुए फिर ल्हें आशा तम्।
ओ प्हुरिए सन्तानमैं! क्हेमैंन् दुष्ट मुँसेरो खैले छ्याँबै ताँ पोंल् खाँमुँ? तलेबिस्याँ सैंर प्लिंबै ताँमैंन् सुँउँइँले पोंम्।
बरु ह्रोंसए सैं न्होंरि ख्रीष्टलाइ “प्रभु” मैंसि खीए सेवा छेनाले लद्। खाबज्यै या “क्हेमैंइ ख्रीष्टए फिर बिश्वास लसि तो योंम्?” बिसि ङ्योएस्याँ छ्याँबै सुँले ह्रिस आखल्ले ज्वाफ पिंबर खोंयोंइ बिले तयार तद्।
चमैंइ ङिम् ङिन् ग बिब् प्हैंसि थे-थेबै ताँमैं लम्, धै भर्खर आछ्याँबै घ्याँ पिसि छ्याँबै घ्याँर ल्हैदिब्मैंलाइ ज्युउँइँले खबै इच्छार लोब उँइँमिंसि फस्ला फस्लु लवाम्।