9 आछ्याँबै के कतिन् ललेया आमादुमैंइ तो धोंइ आङ्हाँ, दिलेया ठिक के लबै म्हिलाइ ताँनइ म्हाँदिम्।
“ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ? खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ, ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
आछ्याँबै के लमा सैं तोंस्याँ बुद्धि आरे, दिलेया च्हैंब् मैंब् लसि ताँ क्होल् खाँबै म्हि ज्ञान बुद्धिए ताँर सैं तोंम्।
आछ्याँबै सैं मुँबै म्हिलाइ याहवेहजी आखो, दिलेया ठिक के लप्रबै म्हि म्रोंसि खी सैं तोंम्।
स्वाबै म्हिलाइ याहवेहजी ल्हयो खम्, आछयाँबै के लबै म्हिलाइ खीजी दोषि ठर्दिब्मुँ।
बुद्धि मुँबै म्हिलाइ ताँनइ म्हाँदिम्, दिलेया छलु म्हुलु लबै म्हिए फिर दु:ख खम्।
आगुलाइ प्ह्रब्मैंलाइ खीजी प्ह्रम्, दिलेया कुरब्मैंलाइ खीजी ल्हयो खम्।
छ लइबिस्याँ परमेश्वर नेरो म्हिमैंउँइँले क्हिइ थेबै मान योंब्मुँ।
फ्रें क्ल्योंप्रबै च्हमिरिए चाल छाब् तम्: च म्हिने प्रमुँ, धै ज्यु ख्रुमुँ, झाइले “ङइ तोइ गल्ति आलइमुँ,” बिम्।
तलेबिस्याँ खाबइ ङलाइ त्होमुँ, चइ छ्ह योंम् धै याहवेहजी चए फिर ल्हयो खम्।
“आखिरि त्हिंइर क्हेमैंलाइ बिल्लि लब्मैं त्होंब्मुँ। चमैं परमेश्वरलाइ आम्हाँदिल्ले ह्रोंसए सैंउँइँले खबै आछ्याँबै ताँमैंए लिलिन् प्रब्मुँ,” बिसि चमैंइ क्हेमैंने बिब्रें लमल।