6 आगु प्ह्रबै म्हि ह्रब्-सेब् तल् म्हैलेया आत, दिलेया बुद्धि मुँबै म्हिइ च्हैंब् मैंब् लल् खाँम्।
क्हिए ठिमर्बै आचम्बै ताँमैं ङइ म्रोंल् योंरिगे बिसि ङए मि थोमिंनु।
ह्रब्-सेबै म्हिइ थेरिगे धै ल्हें ह्रब-सेब तरिगे, धै क्होबै म्हि ल्हें क्होल् खाँब् तरिगे।
ठिक ग्वाइ पिंबै म्हिइ स्योर आते, दिलेया छल् तेब्मैं स्योर ताँ ल्हें पोंम्।
आमादु म्हि ङाँइले ह्रेंगो टिद्, तलेबिस्याँ चए सुँउँइँले ज्ञान बुद्धिए ताँमैं आत्हों।
खैच्हिजिले पोंबै म्हिइ लोदा सैंदा लबै म्हिलाइ आखो; बुद्धि मुँबै म्हिइ पिंबै सल्ला चइ आम्है।
बुद्धि आम्हैबै आमादुए योर मुँबै मुइ तो केर फेमुँ?
च्हैंब् मैंब् लल् खाँबै म्हिइ लबै के छ्याँब तम्, दिलेया आमादुमैंइ बिस्याँ आङिं आङिंबै सैमैं मत्त्रे ङ्ह्योप्रम्।
आमादुमैंइ ताँ क्होदा आङ्हाँ; चमैं ह्रोंसए ताँ फिर लल् योंस्याँ मत्त्रे सैं तोंम्।
आमादुए ल्हागिर बुद्धि स्यालै आखाँल्ले नुल्ले मुँ; थे-थेबै म्हि च्होंर छलफल लमा चइ तोइ बिल् आखाँ।
ह्रोंसन् ह्रब्-सेब् ग बिसि प्हैंबै म्हि म्रोंइमुँ वा? छाबै म्हि भन्दा बरु आमादुए फिर आशा थेंल् खाँम्।
ङइ सुँउँइँ ठिक ताँ मत्त्रे पोंम्, ङइ पोंबै ताँर छलु म्हिलु आत।
च्हैंब् मैंब् लल् खाँबै म्हिए ल्हागिर च छ्याँब मुँ, ज्ञान मुँबै म्हिए ल्हागिर च ठिक मुँ।
खाबज्यै या “ङइ तोन्दोंरि ह्रइमुँ” बिलेया ह्रल् त्हुबै ताँ चइ तोइ या आह्रइमुँ।
क्हेमैंए न्होंर खाबलाज्यै बुद्धि चैदिस्याँ ह्रिस आखल्ले सैं तों-तोंदै पिंबै परमेश्वरने ह्रिरिगे। छले ह्रिस्याँ खीजी पिंब्मुँ।