4 प्ल्हेगु म्हिइ ल्हें सै म्हैलेया चइ तोइ आयों, दिलेया भोंन्ले के लबै म्हिइ तोन्दोंरि योम्।
च त्हिंइर्न इसहाकए केब्छैंमैंइ खेंमैंइ ताबै इनारए बारेर इसहाकने बिइ, “ङिइ ताबै क्ल्ह्योर क्यु त्होंइ।”
खिब् तयालैया चमैंइ रो ल्हें रोब्मुँ; चमैं ताजा नेरो पिंक्यो ब्योंब् तरिब्मुँ,
प्ल्हेगु म्हि आयोंब्-आख्युब् तयाम्, दिलेय जाँगर खल्ले के लबै म्हि प्लब योब् तम्।
आगुए खाँचोर पिंल् खाँबै म्हिल बिब् धों तम्, धै अरूलाइ भों खबै ताँ बिमिंसि सैं क्होमिंबै म्हिए ल्हागिर ल्होबै म्हि योंम्।
ह्रोंसए म्रों ताब् क्ल्योब लसि रा-रोमैं रुँइँब्मैंने चबै सै ल्हें तम्, दिलेया केर आफेबै म्हिमैंए लिलि प्रब्मैं बुद्धि आरेब्मैं ग।
ह्रोंसइ लल् त्हुबै के लबै म्हिइ तोंन्दोंरि सैंर क्ल्हे तल् योंम्। प्ल्हेगु तइ बिस्याँ आगुए केब्छैं तल् त्हुम्।
प्ल्हेगुइ शिखार क्ल्योंमा तोइ स्याल् आखाँ, दिलेया ह्रोंसइ लल् त्हुबै के लबै म्हिइ सै न्होर खुम्।
खैच्हिजिले आपोंबै म्हिए छ्हर बिब् धों तम्, सुँर तो खमुँ चन् पोंबै म्हि नास तयाम्।
ठिक के लबै म्हिइ स्योर ताँ आपों, दिलेया दुष्ट म्हिइ फापिन् तबै ताँ पोंसि इजेत वाम्।
प्ल्हेगुइ ठिक त्हेर क्ल्या आक्ल्यो; छतसि बालि खुबै त्हेर चइ तोइ आयों।
के लदा आङ्हाँबइले प्ल्हेगु सिम्, तलेबिस्याँ चए योइ के लल् आम्है।
च्हैंसि मैंसि चाँजोमैं लमा बिब् धों मैंब् धों तम्; दिलेया च्हैंब् मैंब् आलल्ले के लमा ङ्हाँदु तम्।
ङ प्ल्हेगु म्हिए म्रोंए घ्याँ ततै ह्यामा बुद्धि आरेबै म्हिए अँगुरए बारि ततै ह्यामा
चर खन्तोदोंन् पुजुमैं मुँल, पोलो नेरो नोइ म्रों हुवाल, धै युँमाए गारामैं ताँन् फुयाल।
“घ्याँर सिंह मुँ! ङ्हिंन् तबै सिंहमैं घ्याँजरे मुँ!” बिसि प्ल्हेगु म्हिइ बिम्।
लोबि म्हिइ प्होंगि लम्, दिलेया याहवेहने भर थेंबै म्हिल बिब् धों तम्।
ओ प्ल्हेगु, नौरो ङाँर ह्यासि चइ लबै के ङ्ह्योद्, धै बुद्धि मुँब् तद्।
ङए ताँ थेबै म्हिइ आशिक योंम्, चइ त्हिं ह्रोंसे ङए म्राउँइँन ङ्होरिमुँ, धै ङए म्रार पैंरिम्।
नास तयाबै चबै सैए ल्हागिर दुःख आलद्, बरु खोंयोंइ बिलै सोरिल् योंबै चबै सैए ल्हागिर दुःख लद्। चु खोंयोंन् बिलै सोल् योंबै क्हें म्हिए च्ह ङइ क्हेमैंलाइ पिंब्मुँ, तलेबिस्याँ क्हेमैं खोंयोंन् बिलै सोरिगे बिसि परमेश्वर आबाजी ङलाइ त्हाँसि कुल्मिंब् ग।”
क्हेमैं ताँनइ ह्रोंसइ थेंबै आशा योंबै ल्हागिर लिउँइँ समा छलेन् छ्याँबै के लरिब्मुँ बिब ङिइ मैंमुँ।