13 सल्ला आकिंबै म्हिइ नौसन् ब्येहोर्दिल् त्हुँम्, दिलेया बिब् ङिंबै म्हिइ इनाम योंम्।
याहवेहलाइ मान लब्मैं थेब च्योंब ताँनलाइ, खीजी आशिक पिंब्मुँ।
क्हिए ठिमइ खोब्मैंइ तो सैरै या न्हुँ लल् आत्हु; तो सैज्यै या चमैंलाइ ट्होल् आखाँ।
चु ताँमैंउँइँलेन् क्हिए केब्छैंइ तो लल् त्हुम् बिसि सेमुँ, चु ताँमैंइ बिब् धों लस्याँ थेबै इनाम योंम्।
ह्रोंसइ लबै गल्तिमैं खाबइ सेल् खाँम् रो? खाबज्यै सेल् आखाँ। छतसि ङइ था आसेल्ले लबै गल्तिमैं क्षमा लमिंन्।
धै फारोए के लब्मैं न्होंरि याहवेहजी बिबै ताँने ङ्हिंब्मैंइ ह्रों-ह्रोंसए केब्छैंमैं नेरो खेदोमैं धिं न्होंर झोंइ।
ङइ हौदिब क्हेमैंए ल्हागिर्न ग बिब क्हेंमैइ आक्हो; ङइ लबै लोदा सैंदाए ताँमैं क्हेमैंइ तो धोंइ आङ्हाँ।
आशा थेंबै सै आयोंमा सैं सिम्, दिलेया सैर मैंब् धों तमा भों खम्।
पापिमैं खना ह्याले दुःखन् योंमुँ, ठिक के लबै म्हिइ आशिक योंम्।
लोदा सैंदा लमा छेनाले ङिंबै म्हिल बिब् धों तब्मुँ, याहवेहए फिर भर थेंब्मैंइ आशिक योंब्मुँ।
परमेश्वरजी बिबै ताँमैं ङिंबै म्हिइ ह्रोंसए छ्ह जोगेम्; दिलेया खीजी प्रद् बिबै घ्याँलाइ तो धों आङ्हाँबै म्हि सिब्मुँ।
च त्हेर क्हेमैं बेल्ले सैं तोंन्, तलेबिस्याँ स्वर्गर क्हेमैंए इनाम थेब तब्मुँ। छलेन स्योंम्बै अगमबक्तामैंलाज्यै या म्हिमैंइ ह्रुगुदिल।
“दिलेया अब्राहामइ चने बिइ, ‘मोशा नेरो अगमबक्तामैंए ताँ आक्वेंस्याँ म्हि घ्रि सिबउँइँले सोगों तसि चमैं ङाँर ह्याना बिलेया चमैंइ क्वेंरिब् आरे।’”
क्हेमैंइ स्वर्गर्बै इनाम योंबै ल्हागिर के लरिइमुँ। छतसि च इनाम आम्हरिगे, बरु ताँन् इनाम योंरिगे बिसि न्ह क्रों मि क्रोंले टिद्।