26 क्युँइ स कृब धोंले धै मिखुइ मि ख्रोंब् धोंले, प्ल्हेगुलाइ के लबर कुलस्याँ, कुलबै म्हिलाइ चइ छलेन् दु:ख पिंब्मुँ।
बालि खैबै त्हेर ख्वालमा ङ्युँबै क्युइ खों सल् लब् धोंले भर लल् खाँबै सँउँसर बोबै म्हिइ चलाइ कुल्मिबै क्ल्हेमैंए सैं तोंल् लम्;
सैंर दुःख मुँबै म्हिए उँइँर क्वे प्रिंब खुँबै त्हेर खिबै क्वें प्हेंसि बोब, नेरो घार चज क्युँ झोंब् धो तम्।
आमादुने सँउँसर कुलबै म्हिइ ह्रोंसए प्हलेर तइ ल्हिसि ह्रोंसए न्होह्रों लब् धों तब् ग।
ओ प्ल्हेगु, नौरो ङाँर ह्यासि चइ लबै के ङ्ह्योद्, धै बुद्धि मुँब् तद्।
“छबिमा चए क्ल्हेजी चने बिइ, ‘ओ केर आत्हुबै प्ल्हेउ! ङइ आप्लुबै क्ल्ह्योर खैंमुँ, आटाबै क्ल्ह्योउँइँले खुमुँ बिसि क्हिइ सेस्याँ
प्ल्हेउ आतल्ले लल् त्हुबै केमैं लद्। सैं न्होंउँइँले आनारल्ले परमेश्वरए सेवा लद्।
क्हेमैं प्ल्हेउ आतद्, बरु बिश्वास लसि दुःखै या सैदिसि परमेश्वरजी पिंम् बिसि बाछा फैबै सैमैं योंबै म्हिमैं तद्।