22 “ज्युर्बै बत्ति मि ग। छतसि क्हिए मि चारब मुँ बिस्याँ क्हिए ताँन् ज्यु या छ्याँब तसि चारब तम्।
म्हिमैंइ पानस म्रोसि पथि न्होंर आथें। बरु धिं न्होंर मुँब्मैंइ मि म्रोंरिगे बिसि पानस नुबै क्ल्ह्योर थेंम्।
चमैं त्हिंइ ह्रोंसे मन्दिरर खागु तमल, धै धिं-धिंर चमैं सैं घ्रिले प्रभु भोज चसि सैं तोंदै बालुन् चब् चब्रें लमल।
क्हेमैंइ छलकपट आलल्ले ख्रीष्टए फिर बिश्वास लबै सैं लइ, दिलेया स्योंम्बै हब्बालाइ प्हुरिइ खैले स्योर तेसि लुइ, छलेन क्हेमैंए सैं या न्होंवाम् उ बिसि ङ ङ्हिंइमुँ।
ओ केब्छैं केब्स्योमैं, प्रभुजी बिबै ताँ ङिंब् धोंलेन् क्हेमैंए क्ल्हेमैंइ बिबै ताँ या ङिंन्। चमैंने ङ्हिंन् धै छ्याँबै सैंले चमैंए के लद्।
ओ केब्छैंमैं, क्हेमैंए चु ह्युलर्बै क्ल्हेमैंइ बिबै ताँ ङिंन्। चमैंए उँइँर सैं तोंन् लबै ल्हागिर मत्त्रे के आलद्, दिलेया प्रभु येशूइ म्रोंसिन्मुँ ङ्हाँसि “ङइ लल् त्हुबै के लल् त्हुम्” बिसि क्ल्हेमैंए न्होंर टिद्।