19 “क्हेमैंइ ह्रोंसए ल्हागिर चु पृथ्बीर सै न्होर ल्हें खागु आलद्, तलेबिस्याँ चुर्बै सै न्होरम् प्हुँलुँइ चवाम्, खै खम्, धै ह्योमैंइ धिं फोर्दिसि ह्योवाम्।
म्हिमैं छरि धोंलेन् म्हयाम्। म्हिमैंइ फाक्कर्बै केमैं लप्ररिम्! चइ ल्हें सै न्होर खागु लमुँ दिलेया च खाबल् तनेमुँ चइ आसे!
धुदिबै केर भर आतद् धै ह्योबै सैर थेब् आप्हैंन्; क्हिए सै न्होर ल्हें तलेया चए फिर भर आथेंन्।
“ह्योइ म्हुँइँसर धिंर ह्योरिबै तोंर स्याइ बिस्याँ चलाइ प्रिंमा च सियास्याँ, चलाइ सैवाबै छ्याब् प्रिंबै म्हिए फिर खरिब् आरे।
परमेश्वरजी ल्हयो आखल्ले निसाफ लबै त्हिंइर सै न्होरइ तोइ लल् आखाँ। दिलेया ठिक के लस्याँ कालउँइँले फ्रेमिंम्।
मारा योंब् भन्दा बुद्धि योंब छ्याँब् ग, धै चाँदि भन्दा ज्ञान बुद्धिलाइ त्हाँन्।
येशूजी चने बिइ, “क्हि क्ह्रोंसेंनन्बै ठिक तदा ङ्हाँस्याँ ह्यासि क्हिने मुँबै तोन्दोंरि सै न्होर चुँसि योंबै मुइ ङ्हाँदुमैं चुमिंन्। छलस्याँ क्हिइ स्वर्गर सै न्होर योंब्मुँ। झाइले खसि ङए लिलि ल्हैदिद्।”
छतसि क्हेमैंइ ह्रोंसए ल्हागिर स्वर्गर सै न्होर खागु लद्। स्वर्गरि प्हुँलुँज्यै आच, खै या आख धै ह्योज्यै या ह्योल् आखाँ।
येशूजी धबै बिइ, “ह्रोंसए ल्हागिर सै न्होर थुपर्दिसि प्लब तब दिलेया परमेश्वरए उँइँर आप्ल्होबै म्हिए गति छाबन् तम्।”
“छतसि क्हेमैंए सै न्होर चुँसि योंबै मुइ आयोंब्मैं पिंन्। झाइले ह्रोंसए ल्हागिर खोंयोंइ स्योब आतबै नेंदोमैं रोसि नाँस आतबै सै न्होर स्वर्गर साँन्। स्वर्गर थेंबै सै न्होर खोंयोंइ आम्ह, तलेबिस्याँ खाबज्यै ह्योल् आँखाँ, झाइले प्हुँलुँज्यै आच।
“अझै चु ताँ सैंर मैंथेंन्, ह्यो कति त्हेर खमुँ बिसि सेस्याँ धिं क्ल्हे न्हरु आच्हुइल्ले टिरिमल, धै ह्यो धिं न्होंर होंल् आपिंमल।
चए ताँ थेसि येशूजी चने बिइ, “अझै क्हिइ लल् त्हुबै के घ्रि चैमुँ। क्हिने मुँबै सैमैं ताँन् चुँसि योंबै मुइ ङ्हाँदुमैं चुमिंन्, धै ङए लिलि प्रद्, छलस्याँ क्हिइ स्वर्गर सै न्होर योंब्मुँ।”
चए लि छु तब् म्रोंसि येशूजी चने बिइ, “प्लबै म्हिमैं परमेश्वरए ग्याल्सर होंब बेल्ले गारो मुँ!
चु ह्युलर्बै प्लबै म्हिमैंने थेब् आप्हैंन् बिद्, चमैं प्लब् आप्हैंरिगे, आटिक्दिबै सै न्होरर आशा आथेंरिगे, बरु चमैंए आशा ङ्योलाइ चैदिबै सैमैं तोन्दोंरि योल्ले ख्युल्ले पिंबै परमेश्वरए फिर थेंरिगे।
क्हेमैंइ ल्हें मारा-मुइए लोब आलद्। क्हेमैंने मुँबै सैर्न सन्तोक तइ टिद्। तलेबिस्याँ परमेश्वरजी बिइमुँ, “ङइ क्हेमैं खोंयोंइ वाथेंरिब् आरे, ङइ क्हेमैं पिरिब् आरे।”