9 दिलेया च बुद्धि मुँब्मैंइ बिइ, ‘ङि नेरो क्हेमैंए ल्हागिर योबै छ्युगु ङिने आरे। दोकनर ह्यासि ह्रोंसए ल्हागिर चैदिबै छ्युगु किंन्।’
“ङ्ह्योद्! ङइ क्हेमैं प्याँगुमैंए म्हाँजोर क्यु धोंले कुलरिइमुँ। छतसि क्हेमैं प्हुरि धोंले बाठो, तोंगु धोंले सोजो तसि टिल् त्हुम्।
चमैं न्होंरि ङ्हउँलो बुद्धि मुँब् मुँल, ङ्हउँलो बुद्धि आरेबा मुँल।
च बुद्धि आरेब्मैंइ बिस्याँ बुद्धि मुँब्मैंने ‘ङिए बत्ति सिबर होंइ! छतसि क्हेमैंने मुँबै च्हौदे छ्युगु ङिलाज्यै पिंन्,’ बिइ।
“छतमा ङइ बिबै ताँ थेब्मैं नेरो ङिंब्मैं धिं लबै बुद्धि मुँबै म्हि धों तबन् ग। च म्हिइ गैरु जग तासि पारा फिर धिं बनेइ।
छतसि क्हिइ ह्रोंसए चु दुष्ट केउँइँले सैं एद् धै प्रभुने प्राथना लद्, छलस्याँ क्हिइ मैंबै आछ्याँबै ताँमैं क्षमा योंलै।