“धिक्कार मुँ, शास्त्रिमैं नेरो फरिसीमैं क्हेमैं फिब्लो पार्दिब्मैं! क्हेमैंइ पतिना, सुँप नेरो जीराला च्युबाँरि तिबाँ परमेश्वरए मिंर पिंम्। दिलेया क्हेमैंइ छेनाले निसाफ आल, आगुए फिर ल्हयो आख धै भर लल् खाबै के या आल। चु ताँमैं परमेश्वरए ठिमर्बै आलसि आतबै थेबै ताँमैं ग। क्हेमैंइ च्युबाँर्बै तिबाँ पिंबै के लल् त्हुमल, छलेन चु मुख्य ताँमैं या ङिंल् त्हुमल।