16 “ङइ चु पुस्तार्बै म्हिमैं तो सैने च्हैंले? चुमैंम् बजारर क्ल्योंबै कोलोमैं धों तब् ग। चमैंइ थुमैं हुइसि छ बिसि ताँ लम्,
न्ह मुँब्मैंइ थेरिगे।”
‘ङिइ क्हेमैंए ल्हागिर मुरलि ह्रामिंइ, दिलेया क्हेमैं आसे। ङि न्हुँ लसि क्रोमा क्हेमैं खाबै या न्हुँ आल।’
ओ प्हुरिए सन्तानमैं! क्हेमैंन् दुष्ट मुँसेरो खैले छ्याँबै ताँ पोंल् खाँमुँ? तलेबिस्याँ सैंर प्लिंबै ताँमैंन् सुँउँइँले पोंम्।
छतसि क्ह्रोंसेंन ङ क्हेमैंने बिमुँ, चु ताँन् पापए सजैं चु पुस्तार्बै म्हिमैंए फिर खब्मुँ।
बजारजरे स्युरबर ह्यामा म्हिमैंइ खेंमैं मान लसि ‘गुरु’ बिसि म्हाँदिरिगे ङ्हाँम्।
क्ह्रोंसेंन ङ क्हमैंने बिमुँ, चु ताँमैं ताँन् पूरा आतन् समा चु पुस्ता म्हरिब आरे।
येशूजी ताँ लोमिंमा छले बिइ, “शास्त्रिमैंने न्हक्रों मिक्रोले टिद्। चमैं म्हिमैंइ मान् लरिगे बिसि ह्रिंग्यो क्वें खिसि सहरजरे छाइ माइ प्ररिम्।
झाइले येशूजी बिइ, “परमेश्वरए ग्याल्स तो सैने च्हैंले? खैबै अहान् बिले?
“धिक्कार मुँ फरिसीमैं क्हेमैं सैं क्रोल् त्हुम्! क्हेमैं च्हों धिंजगोर ह्यामा मान योंल् त्हुबै क्ल्ह्योर क्हुँल् म्हैमुँ! धै बजारजरे ह्यामै या म्हिमैंइ मान लसि म्हाँदिरिगे ङ्हाँम्।
येशूजी बिइ, “परमेश्वरए ग्याल्स तो धों तब मुँ? ङइ तो सैने च च्हैंले?