13 च धिंर्बै म्हिमैंए सैं छ्याँब मुँस्याँ क्हेमैंइ पिंबै आशिक चमैंइ योंरिगे, दिलेया चमैंए सैं छ्याँब आरेस्याँ क्हेमैंए छिं ङ्हाँब क्हेमैंनेन् एखरिगे।
दिलेया चमैं नब्-छब् तमा ङइ नइँए ह्रेंग खिसि बर्त टिसि चमैंए ल्हागिर प्राथना लमल।
चए धिंर होंमा क्हिइ ‘छिं ङ्हाँरिगे’ बिसि आशिक पिंन्।
खाबज्यै या क्हेमैंलाइ मान आलस्याँ, क्हेमैंए ताँ थेल् आङिंस्याँ च धिं नेरो च क्ल्ह्योउँइँले त्होंमा ह्रोंसए प्हलेर्बै त्हुला चर्न खारथेंन्।
च धिंर शान्ति म्हैबै म्हि मुँस्याँ क्हेमैंए शान्तिए आशिक चने ल्हैदिब्मुँ। च धिंर शान्ति म्हैबै म्हि आरेस्याँ च शान्तिए आशिक क्हिमैंने बालुन् एखब्मुँ।
दिलेया नास तब्मैंए ल्हागिर ङ्यो सिनु थाँ नाँब् धों तम्। छतसि चमैं नर्गर फेनेम्। मुक्ति योंब्मैंए ल्हागिर ङ्यो लिंबै थाँ खबै धुप धोंन् तम्। छतसि चमैं स्वर्गर फेनेम्। च्हौ थेबै के खाबइ लल् खाँम्?