30 ‘चु म्हिइ धिं बनेबर होंइ दिलेया धिं प्हें सैल् आखाँ बिसि चमैंइ,’ बिब्मुँ।
थेबै नाँ खैं तसि प्हलें युसि धिंए फिर उँयामा च धिं फुयाइ झाइले चला थेबै नोक्सान तयाइ।”
बिचार आलस्याँ चइ जग मत्त्रे झोंसि धिं प्हें सैल् आखाँस्याँ म्रोंब्मैं ताँनइ क्हिलाइ प्ह्रब्मुँ।
“झाइले अर्को ताँ: म्रुँ घ्रिइ अर्को म्रुँने नेबर ह्यामा ‘ङए हजार च्यु फौजइ ङ्हिस्यु हजार फौजलाइ ट्होल् खाँम् उ आखाँ बिसि चइ ओंसोंन् आमैं रो वा?’
ङए उँइँर ठिक के लबै म्हि बिस्याँ बिश्वासउँइँलेन् सोरिब्मुँ, दिलेया च ङ ङाँइले स्योयास्याँ ङ चने तोंरिब् आरे।”
क्हेमैं ताँनइ ह्रोंसइ थेंबै आशा योंबै ल्हागिर लिउँइँ समा छलेन् छ्याँबै के लरिब्मुँ बिब ङिइ मैंमुँ।
क्हेमैंइ स्वर्गर्बै इनाम योंबै ल्हागिर के लरिइमुँ। छतसि च इनाम आम्हरिगे, बरु ताँन् इनाम योंरिगे बिसि न्ह क्रों मि क्रोंले टिद्।