48 क्हेमैंइ छलमा ‘ङिए खेमैंए केमैं ठिकन् मुँल,’ बिमुँ। तलेबिस्याँ चमैंइ स्योंम्बै अगमबक्तामैं सैवाइ, दिलेया क्हेमैंइ चमैंए ल्हागिर देवल बनेइ।
चमैंइ पोंबै ताँ खेंमैंए फिर्न खीजी एखल् लब्मुँ, धै चमैं नास लवाब्मुँ। झाइले चमैंलाइ म्रोंम्मैं ताँनइ प्ह्रदै क्र लाब्मुँ।
“धिक्कार मुँ, शास्त्रिमैं नेरो फरिसीमैं क्हेमैं फिब्लो पार्दिब्मैं! क्हेमैं चुनइ स्यालबै छगों धों तब मुँ। च छगों बैरुउँइँले ङ्ह्योमा छ्याँब म्रोंम्, दिलेया न्होंर सिबै म्हिए ह्रिब नेरो क्राँरिबै से मत्त्रे तम्।
छले क्हेमैंइ अगमबक्तामैं सैवाब्मैंए सन्तान ग बिबै प्रमाण क्हेमैं ह्रोंसइन पिंइमुँ।
“धिक्कार मुँ, क्हेमैं क्रोल् त्हुम्! तलेबिस्याँ क्हेमैंए खेमैंइ सैवाबै स्योंम्बै अगमबक्तामैंए मान लब् प्हैंसि क्हेमैंइ छ्याँबै देवलमैं बनेमुँ।
छतसि ‘ङइ चमैं ङाँर अगमबक्तामैं नेरो स्यार्बो कुलम्,’ बिसि तोन्दोंरि ताँ सेबै परमेश्वरजी बिल। ‘दिलेया च कुलब्मैं न्होंरि को-कोइलाइ चमैंइ सैवाब्मुँ, कोइलाइ ह्रुगुदिब्मुँ।’
छाबै म्हिमैं ताँन् सिल् त्हुम् बिसि परमेश्वरए छ्वेर प्ह्रिबै ताँ चमैंइ सेना बिलेया चमैंइ च केन् लम्। च्हौ मत्त्रे आङिं, अझै उल्टो च आछ्याँबै के लब्मैंने या क्ह्रिम्।
ओ अलि-अङाँमैं, स्योंम्बै परमेश्वरए ताँ पोंबै म्हिमैंए बारेर सैंर मैंन्। चमैंए फिर दुःख तलेया सैदिसि टिब् धोंले क्हेमैं या टिद्।