44 “धिक्कार मुँ क्हेमैं सैं क्रोल् त्हुम्! क्हेमैं छ्यों म्ह्यों आयोंबै छगों धों तब् ग, ‘न्होंर सिनु मुँ’ बिब आसेसि म्हिमैं चए फिफि प्रम्।”
चमैंए सुँइ क्ह्रोंसेंन्बै ताँ आपों; चमैंए खों आछ्याँबै सैमैंइ प्लिंइमुँ; चमैंए म्लोगो थोंथेंबै छगों ग; छतसि चमैंइ फिब्लो पार्दिसि पोंम्।
प्लुमैं न्होंरि धाँसे च्योंबै फुँ चुन् तम्। दिलेया चु बडिबै लिउँइँ बिस्याँ ताँन् ट्हा ट्हुमैं भन्दा थेबै धुँ या चुलन् तम्। छतसि मुर्बै नेमामैं खसि चए हाँगजरे च्हों थासि टिम्।”
छबिमा पावलइ चने बिइ, “ओ सुँइ छ्याँब लब सैंइ बिस्याँ आछ्याँब मैंबै म्हि! क्हिलाज्यै या परमेश्वरजी प्रिंब्मुँ। क्हि परमेश्वरए ठिमइ बिब् धोंले ङए निसाफ लबर टिसि ठिमए बिरोधर ङलाइ प्रिंबर ल्हैदिम्मा?”