40 “ओ, आमादुमैं! बैरुबै सै बनेबै परमेश्वरजीन् न्होंर्बै सै या बनेब आङिं वा?
धबै परमेश्वरजी बिइ, “तारे म्हि ङ्यो धोंन् तब ङ्यो धोंन् ब्योंब बनेले। चमैंइ मा ङ्युँइर्बै ताँगमैं, मुर्बै नमेंमैं, धिंर न्हबै खेदोमैं, क्ह्योंर्बै खेदोमैं नेरो सर प्रबै ताँन् सैमैं फिर क्ल्हे लरिगे।”
झाइले याहवेह परमेश्वरजी सउँइँले म्हि बनेसि चए नखुँरि सो फुइमिंमा म्हि सोगों तइ।
आमादुमैंइ ह्रोंसए सैंर “परमेश्वर आरे!” बिमुँ। चमैंइ छेरन् ङ्हाँबै केमैं लमुँ, चमैं छेरन् ङ्हाँन् तब्मैं मुँ; छ्याँबै के लब्मैं खाबै आरे।
ताँन् म्हिमैंलाइ मैंबै सैं पिंब खीन् ग, धै चमैंइ लबै तोन्दोंरि केमैं खीजी म्रोंम्।
“ओ आमादुमैं, क्हेमैं खोंयों समा ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँन्ले प्ररिमुँ? खोंयों समा आउलाइ प्ह्रबै ताँमैं लसि सैं तोंरिमुँ, ओ आमादुमैं, तले जा, क्हेमैंइ ज्ञान बुद्धिलाइ तो धोंइ आङ्हाँब?
ओ बुद्धि आरेब्मैं, बुद्धि म्हैद्; ओ आमादुमैं, च्हैंब्-मैंब् लल् खाँब्मैं तद्।
ओ बुद्धि आरेबै कनमैं, मारा थेब उ, मारालाइ पबित्र लबै मन्दिर थेब् जा?
ओ कन फरिसीमैं, ओंसों थलि नेरो प्हेलाए न्होंउँइँ म्यासि ख्रुद्, छलस्याँ बैरु या छ्याब तब्मुँ।
दिलेया चइ छले मैंरिमा परमेश्वरजी चने बिइ, ‘ओ आमादु! तिंयाँ म्हुँइँसर्न क्हि सिल् त्हुब्मुँ। तारे क्हिइ साँथेंबै सै न्होर खाबल् तब्मुँ?’”
च लिउँइँ येशूजी चमैंने बिइ, “ओ, ताँ आक्होबै आम्हादुमैं! क्हेमैंए सैं खैले छले आक्होब् तयाल? अगमबक्तामैंइ बिबै ताँमैं तिफुँइ आक्वें वा!
ओ बुद्धि आरेबै म्हि, क्हिइ प्लुबै प्लु आक्राँन् समा आम्लो आङिं वा?
ङ्योए आबामैंइ ङ्योलाइ तार झोंबइले ङ्योइ खेंमैं मान लम् बिस्याँ झन् ङ्योलाइ खोंयोंइ आखाँबै छ्ह पिंबै स्वर्गर्बै परमेश्वर आबालाइमि झन ल्हें मान लल् आत्हु वा?