37 तलेबिस्याँ ‘म्हि घ्रिइ प्लुमुँ, धै अर्कोइ खैंम्,’ बिबै ताँ क्ह्रोसेंन्बै ग।
क्हि म्रोंसि ङ ङ्हिंइ, तलेबिस्याँ क्हि सारो सैं मुँबै म्हि मुँ। क्हिइ थेंइ आथेंबै सै किंल् म्हैम्, धै प्लुइ आप्लुबै सैन् खैंम्।’
“क्ह्रोंसेंन ङ क्हेमैंने बिमुँ, ङलाइ बिश्वास लब्मैंइ ङइ लबै केमैं लब्मुँ। च भन्दा थेबै केमैं या लब्मुँ। तलेबिस्याँ ङ आबा ङाँर ह्यासिन् मुँ।
बालि खैंब्मैंइ नों सै योंब्मुँ, धै खोंयोंइ आखाँबै छ्ह योंबै ल्हागिर बालि खागु लम्, झाइले प्लुब्मैं नेरो खैंब्मैं ङ्हिंना ङ्हिंन् सैं तोंब्मुँ।
अरूइ प्लुबै बालिमैं खैंबर ङइ क्हेमैं कुलइ। अरूइ दुःखले ल्हैदिबै बालि क्हेमैंइ योंइँमुँ।”