13 “तिं-प्हन्हाँ खोंयों मुँले या ङि सहर घ्रिर ह्यामुँ धै चर तिंदिं दे टिसि छों लसि नफा लब्मुँ,” बिबै म्हिमैं, ङए ताँ थेद्!
छतसि खो, ङ्यो क्युरु ह्यासि चमैंइ घ्रिइ पोंबै क्युइ घ्रिइ आक्हिरिगे बिसि चमैंए क्युइ खलबल लवाले।”
प्हन्हाँ छ लमुँ छु लमुँ बिसि प्हैंसि आपोंन्, तलेबिस्याँ प्हन्हाँ तो तम् बिब क्हिइ आसे।
झाइले न्हुँ लब्मैं न्हुँ आलब्मैं धोंले टिरिद्। छलेन सैं तोंब्मैं सैं आतोंब्मैं धोंले टिरिद्, किंसि पखबै सैमैं या ह्रोंसल् धों आङ्हाँन्।
ओ प्लबै म्हिमैं, ङए ताँ थेद्। क्हेमैंए फिर तखबै दुःख मैंसि बेल्ले न्हुँ लसि क्रोद्।