23 योसेफइ मिश्रीमैंने बिइ, “ङ्ह्योद्, तिंयाँ ङइ फारोए ल्हागिर क्हेमैं नेरो क्हेमैंए क्ल्ह्यो न्हेंमैं किंइमुँ। तारे क्हेमैंए ल्हागिर प्लु चुर मुँ म्रोंर प्लु प्लुद्।
चमैंए लिउँइँ खबै ह्रुइब् नेरो ट्हुबि मत्त्रे मुँबै प्ल्याँडु म्येमैं ङिदिंन् ग। धै च खैंइ पोंवाबै आम्रेबै रोए नाँ ङिउँलो या अँङ्गल् ङिदिं समन् तम् बिब् ग।
ह्युलर अँङ्गल् तब तोगो ङ्हिदिं तइ। अझै ङ्हदिं समा खनिरै ताब-क्ह्योब् तरिब् आरे, म्ल्ह-नारिमैं या खुरिब् आरे।
दिलेया खेगिमैंए क्ल्ह्यो बिस्याँ चइ आकिं, तलेबिस्याँ खेगिमैंए ल्हागिर फारोउँइँले म्ल्ह-नारिए भाउ स्यो लल। धै फारोइ पिंबै भागउँइँले चमैंइ चमल। छतसि चमैंइ खेंमैंए क्ल्ह्यो-न्हें चुँल् आत्हु।
दिलेया रोमैं मिंबै त्हेर चए ङ्हबाँ क्हेमैंइ फारो म्रुँलाइ पिंल् त्हुम्। धै प्लिबाँ बिस्याँ प्लुए ल्हागिर नेरो क्हेमैंए परवा, प्हसेमैं चबर क्हेमैंल तब्मुँ।”
सैं प्ल्हसि छे पिंब नेरो भर म्हाँदिल् खाँबै के लरिबै म्हिल बिब् धों मैंब् धों तम्।
आयों आख्युब्मैंए खाँचो टार्दिमिंबै म्हिइ आशिक योंम्! छाबै म्हिए फिर दुःख तमा याहवेहजी चलाइ दुःखउँइँले फ्रेमिंम्।
म्ल्ह-नारि भकारिर तिगोले मुँलेया आचुँन्ले थेंबै म्हिलाइ म्हिमैंइ सराप पिंम्, दिलेया म्हिमैंलाइ म्ल्ह-नारि चुँल् त्हुम् बिब् मैंसि चुँबै म्हिइ आशिक योंम्।
ह्रोंसए म्रों ताब् क्ल्योब लसि रा-रोमैं रुँइँब्मैंने चबै सै ल्हें तम्, दिलेया केर आफेबै म्हिमैंए लिलि प्रब्मैं बुद्धि आरेब्मैं ग।
ङ्हाँदुमैंइ दु:ख लसि ल्हें रा-रोमैं खुमुँ, दिलेया अनिया लबै म्हिइ च प्हेंसि बोवाम्।
“भर लल् खाँब नेरो बुद्धि मुँबै केब्छैं खैबै तम्? च केब्छैंने क्ल्हेइ ‘धिंर्बै केब्छैंमैं चब-थुँब ठिक त्हेर पिंन्’ बिसि चए जिम्मार वाथेंम्।
परमेश्वरजी प्लु प्लुबै म्हिलाइ प्लु पिंम्, धै म्हिमैंलाइ चबै सै पिंम्। च धोंले परमेश्वरजी क्हेमैंलाइ चैदिबै प्लु पिंसि चलाइ बडिमिंब्मुँ, झाइले क्हेमैंइ लबै छ्याँबै केल ल्हें रोमैं तब्मुँ।