34 झाइले सागलाए ङिदिं समा मिश्र ह्युलर्बै म्ल्ह-नारिए ङ्हबाँ खुबर क्हिइ चाँजो लब्मैं त्हाँन्।
“छतसि तारे क्हिइ मिश्र ह्युलर ग्याल्स लबै ल्हागिर ह्रब्-सेब नेरो बुद्धि मुँबै म्हि त्हाँन्।
चमैंइ तारे खबै सागलए बर्षर्बै ताँन् म्ल्ह-नारिमैं खुरिगे। नाँस-नाँसर चबै ल्हागिर म्ल्ह-नारिमैं फारोए धनसारमैंर साँथेंरिगे, छतसि रुँबै म्हिमैं या त्हाँन्।
दिलेया रोमैं मिंबै त्हेर चए ङ्हबाँ क्हेमैंइ फारो म्रुँलाइ पिंल् त्हुम्। धै प्लिबाँ बिस्याँ प्लुए ल्हागिर नेरो क्हेमैंए परवा, प्हसेमैं चबर क्हेमैंल तब्मुँ।”
छतसि मिश्र ह्युलर्बै क्ल्ह्यो-न्हेंउँइँले खबै रोमैंए ङ्हबाँ फारोल तब्मुँ बिसि योसेफइ ठिम घ्रि बनेइ। च ठिम तिंयाँ समन् मुँ। खेगिमैंए क्ल्ह्यो मत्त्रे फारोल आत।
छतसि चमैंलाइ सोगों थेंबै ल्हागिर अँङ्गालरै या खीजी चमैंलाइ तोइ सैरै या खाँचो आलमिं।
बुद्धि मुँबै म्हिइ ह्रोंसए फिर दुःख खब ओंसोंन् म्रोंसि लोबै क्ल्ह्यो म्हैम्, दिलेया आमादु म्हि छाइन ह्याम् धै दुःख योंबर फेम्।
बुद्धि मुँबै म्हिइ ह्रोंसए फिर न्होह्रों तम् बिब ह्रेंगोउँइँलेन् म्रोंसि लोबै क्ल्ह्यो म्हैम्, दिलेया च्हैंब् मैंब् लल् आखाँबै म्हि छाइन ह्याम् धै दुःख योंबर फेम्।
“च लिउँइँ चइ क्ल्हेए असामिमैं घ्रि घ्रिले हुइसि ओंसों खबै असामिने ‘ङए क्ल्हेलाइ फोल् त्हुबै छे कति मुँ?’ बिसि ङ्योएइ।