14 तिंयाँ क्हिजी चु क्ल्ह्योउँइँले ङलाइ तेवासिन् मुँ, धै ङ क्हिउँइँले लोल् त्हुब्मुँ। ङ पृथ्बीरि छिं ङ्हाँन् आयोंन्ले स्युररिल् त्हुब्मुँ, छतसि ङलाइ स्याब्मैंइ ङ सैवाब्मुँ।”
खीजी म्हिलाइ तेवाबै लिउँइँ खोंयोंन् बिलै सोल् योंबै सिंधुँर फेनेबै घ्याँर खाबै या आखरिगे बिसि रुँबै ल्हागिरि अदनए बगैंचार्बै स्यारउँइँले करूबमैं नेरो कारग्युले स्युररिबै मिइ लुँरिबै सेलाँ (तरवार) थेंमिंइ।
कयिनइ याहवेहने बिइ, “ङइ सैदिल् आखाँबै दण्ड ङलाइ तइ।
चए प्हसेमैं आगुने ह्रिसि चल् त्हुरिगे, चमैं टिबै फुयाबै धिंउँइँले त्होंसि चबै सैमैं म्हैल् त्हुरिगे!
चए फिर म्हाँया लब्मैं खाबै आतरिगे, धै चए आबा आरेबै प्हसेमैंए फिर ल्हयो खब्मैं या खाबै आतरिगे!
ओ याहवेह, ङइ ग्वार ह्रिब युनन् थेमिंन्, ङए सैं खैता-खैता तइमुँ! ङने बालु क्हिए लि आलोमिंनु, आस्याँ ङ क्रोंर फेनेब्मैं धोंन् तब्मुँ।
दुष्ट म्हिमैंए लबै केइ ह्रोंसन् नास तयाम्, दिलेया ठिक के लब्मैं सिमै या आशा योंम्।
खाबज्यै आल्हालैया दुष्ट म्हि न्हेयाम्, दिलेया ठिक के लबै म्हिमैं बिस्याँ सिंह धोंले आङ्हिंल्ले टिरिम्।
“च लिउँइँ खीजी ह्रोंसए त्हेब्रे हारइ टिब्मैंने ‘ओ सराप योंबै म्हिमैं! ङ ङाँइँले ह्रेंगो तयाद्। दियाबलस नेरो चए दूतमैंए ल्हागिर बनेथेंबै खोंयोंइ आसिबै मिर ह्याद्,’ बिब्मुँ।
“छतसि चुमैंइ खोंयोंइ आखाँबै दण्ड योंब्मुँ, दिलेया ठिक के लब्मैंइ बिस्याँ खोंयोंइ आखाँबै छ्ह योंब्मुँ।”
चमैं प्रभुउँइँले ह्रेंगो लवाब्मुँ, धै खीउँइँले योंबै खोंयोंइ आनुबै छ्ह नेरो खीए थेबै दयाम्हाँयाउँइँले फ्रेवासि नास लवाब्मुँ।