34 चु ताँ थेसि एसाव बेल्ले सैं नसि थेबै कैले क्रोदै “ओ आबा, ङलाज्यै या आशिक पिंन्,” बिइ।
दिलेया इसहाकइ बिइ, “क्हिए अलि स्योर तेसि खइ, धै क्हिइ योंल् त्हुबै आशिक चइ बोल् खाँइ।”
चु ताँ था सेसि मोर्दकैइ ह्रोंसए क्वें ट्होदै नइ ह्रेंग खिसि मेप्रो फोसि थेबै कैले क्रोदै सहरजरे स्युर प्रइ।
चमैंइ लबै केए नों चमैंइ योंब्मुँ, धै चमैंए आछ्याँबै केमैंइ लमा खेंमैंन् दुःख तब्मुँ।
बुद्धि आरेबै म्हिइ ह्रोंसए न्होह्रों तबै के लम्, चए खोंइ याहवेहए बिरोधर पोंम्।
लिउँइँ क्रोदै चइ चए आबाने आशिक ह्रिइ दिलेया आबाउँइँले चइ आशिक आयों। तलेबिस्याँ चइ पछुत ललेया च्ह थेबाइ योंबै हग ओंसोंन् चब् तिछोने त्हेवाल। चु ताँ क्हेमैंइ सेइमुँ।