3 चमैंइ खेंमैंए न्होंर “ल्हु, ङ्योइ इँट बनेसि ख्रोंले।” बिसि चमैंइ युँमाए क्ल्ह्योरि इँट नेरो सए क्ह्लोरि अलकत्रा ओलेइ।
झाइले चमैंइ बिइ, “ल्हु, ङ्यो ह्रोंसए ल्हागिर सहर घ्रि नेरो स्वर्ग समा फेनेबै नुबै धररा घ्रि बनेसि। ह्रोंसए मिं थेंले। धै ङ्यो पृथ्बीर खनिरै आप्हुँले।”
छतसि खो, ङ्यो क्युरु ह्यासि चमैंइ घ्रिइ पोंबै क्युइ घ्रिइ आक्हिरिगे बिसि चमैंए क्युइ खलबल लवाले।”
सिद्दिमए ब्याँसिर अलकत्रइ प्लिंरिबै होंल्दोंमैं मुँल। कदोर्लाओमेर म्रुँइ ट्होमा सदोम नेरो गमोराए म्रुँमैं नेबै क्ल्ह्योउँइँले भौदिमा चमैंए को-कोइ म्हिमैं च होंल्दोंजरे पायाइ। दिलेया अरू म्रुँमैं सों कोंउँइँ भौदिइ।
आछ्याँबै केमैं लबर चमैंइ खें-खेंमैंए न्होंर घ्रिइ घ्रिलाइ भों पिंमुँ। खाबज्यै आसेल्ले ङो चुले बिसि चमैं क्ह्रिसि मत लमुँ। “ङ्योइ लबै चु के खाबइ म्रोंम् रो?” बिसि चमैंइ बिम्।
मसला नेरो इटा बनेब धै म्रोर्बै ताँन् खालर्बै केब्छैंमैंइ लबै केमैं लबर ल्हैदिसि चमैंए छ्ह ककाँ क्युँक्युँ ङ्हाँन् लइ।
झाइले च कोलो अझै लोल् आखाँबइले च कोलोए ल्हागिर कूशए टोक्रि घ्रि पखसि चलाइ तारपिन नेरो अलकत्राइ स्यालइ। धै कोलो टोक्रि न्होंर थेंसि चइ नील स्योंए रेर काँसए घारिर थेंमिंइ।
“खो, म्हि सैबर ङिने बालु लोइरि टिले; सोजो म्हि लुडिबर च्ह्यासि टिले;
घ्रिइ घ्रिलाइ म्हाँया लदै छ्याँबै के लरिबै ल्हागिर ङ्योइ खैले चमैंए सैं भोंन् लमिंब च ताँ सैंर मैंले।
बरु खाबै या पापर आच्होरिगे धै क्हेमैं खाबज्यै या सैं सारो आलरिगे बिसि परमेश्वरए छ्वेर बिब् धोंले “तिंयाँबै त्हिंइ” मुँब् समा घ्रिइ घ्रिलाइ अर्थि पिंब्रें लद्।
“तिं-प्हन्हाँ खोंयों मुँले या ङि सहर घ्रिर ह्यामुँ धै चर तिंदिं दे टिसि छों लसि नफा लब्मुँ,” बिबै म्हिमैं, ङए ताँ थेद्!
ओ प्लबै म्हिमैं, ङए ताँ थेद्। क्हेमैंए फिर तखबै दुःख मैंसि बेल्ले न्हुँ लसि क्रोद्।