12 छतसि म्हिमैं मिश्र तिगोंन् पराल खुबर खन्तोंदोंन् ख्याँयाइ।
क्हिजी ल्हडेंर ट्होवाँइले क्हिए बिरोधर राब्मैं क्युरु खारमिंइ। क्हिजी ह्रोंसए मि धोंबै ह्रिस उँइँमिंइ, च ह्रिसइ चमैंलाइ पराल धोंले ख्रोंवाइ।
‘क्हेमैं ह्रोंसन् ह्यासि पराल खनिर योंमुँ छाइलेन् म्हैसि पखो। दिलेया क्हेमैंइ ओंसों इँट कति बनेल च्हगन् बनेल् त्हम्।’”
च के ल्हैदिबै चिब्मैंइ म्हिमैंने छ बिसि अत्तु चुइ, “पराल पिंमा त्हिंइर कति के लमल, पराल आपिंमै या च्हगन् लल् त्हुम्,” बिइ।
चु तेंए फिर खाबज्यै या सै ल्हें फेबै सैमैं, मारा, चाँदि हिरा मोति, छि, सिं परालमैंइ धिं बनेलैया,