39 काँसाए ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो, काँसाए जालि, ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो नोबै प्हरेमैं नेरो चर चैदिबै सैमैं, यो प्हले ख्रुबै ल्हागिर क्यु झोंबै बाटा नेरो बाटाए प्हलेमैं,
“क्हिइ बबुल सिंए ङ्हउरु ह्रिंब, ङ्हउरु प्ल्हाब, सोंउरु नुब चार पाटे मिइ ख्रोंसि ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो बनेद्।
काँसाए जालि घ्रि बेनेसि चए कुना प्लिर काँसाए न्ह प्लि प्ह्याद्।
“क्यु झोंबै ल्हागिर काँसाए प्हले मुँबै काँसाए बाटा बनेसि पबित्र तम्बु नेरो मिइ ख्रोंसि ख्रो पिंबै क्ल्ह्योए म्हाँजोर थेंसि चर क्यु झोंन्।
च काँसाइ पबित्र तम्बुर्बै मुल म्राए क्योबै क्ल्ह्योमैं, ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो, जालि नेरो ख्रो पिंबै क्ल्ह्योर्बै ताँन् सैमैं,
धुप म्रोबै ल्हागिर माराल ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो, अभिषेक लबै छ्युगु नेरो छ्याँब थाँ खबै धुप, पबित्र तम्बुए म्रार्बै पर्दा,
ह्युर कारग्यु लबै पर्दा, त्होमैं नेरो चमैंए क्योबै क्ल्ह्योमैं, ह्युर्बै म्राए पर्दा, छोमैं नेरो काँटिमैं, पबित्र तम्बुर चैदिबै सैमैं,