38 धुप म्रोबै ल्हागिर माराल ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो, अभिषेक लबै छ्युगु नेरो छ्याँब थाँ खबै धुप, पबित्र तम्बुए म्रार्बै पर्दा,
बत्तिए म्रोबै ल्हागिर जैतुनए छ्युगु, अभिषेक लबै छ्युगु नेरो लिंबै थाँ खबै धुपए ल्हागिर मसलामैं,
“धुप म्रोबै ल्हागिर क्हिइ अर्को बबुल सिंए क्ल्ह्यो घ्रि बनेद्।
याहवेहजी मोशाने बिइ,
चए क्होइबै भाग, कारग्युबै भागमैं नेरो चए रुमैं या छ्याँबै माराइ म्होरसि चए कारग्युले माराए ङाँ सैद्।
“न्हाँग ह्रोंसे बत्ति तयार लबर खमा हारूनइ छ्याँब थाँ खबै धुप च क्ल्ह्योर म्रोरिगे।
अभिषेक लबै छ्युगु नेरो पबित्र तम्बुए ल्हागिर लिंबै थाँ खबै धुप। ङइ क्हिने बिब् धोंले चमैंइ चु ताँन् सैमैं बनेल् त्हुब्मुँ।”
बत्ति म्रोबै ल्हागिर छ्युगु; अभिषेक लबै छ्युगु नेरो लिंबै थाँ खबै धुप बनेबै मसलामैं;
अभिषेक लबै पबित्र छ्युगु नेरो अत्तर बनेब्मैंइ धोंले लिंबै थाँ खबै धुप चइ बनेइ।
छ्याँबै माराए पानस, पलमैं, बत्ति म्रोबै तेल, नेरो चैदिबै तोन्दोंरि सैमैं,
काँसाए ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो, काँसाए जालि, ख्रो पिंबै क्ल्ह्यो नोबै प्हरेमैं नेरो चर चैदिबै सैमैं, यो प्हले ख्रुबै ल्हागिर क्यु झोंबै बाटा नेरो बाटाए प्हलेमैं,