31 “क्हेमैं ङए पक्का म्हिमैं तल् त्हुम्। छतसि क्हेमैंइ चें भलुइ सैबै खेदोए से आचद्। च से क्हेमैंइ नगिमैं पिंन्।
दिलेया पत्रुसइ बिइ, “आङिं, प्रभु! ङइ चोखो आरेब् नेरो चल् आतबै सैमैं खोंयोंइ आचइमुँ।”
दिलेया चमैंए ल्हागिरि चु ताँ प्लि प्ह्रिमिंले: कुलाइ चडिसि जुट् तबै सै चमैंइ आचरिगे, ब्यभिचार आलरिगे, खर्जी ङिसि सैबै खेदोए से आचरिगे, धै को या आचरिगे।