रोमियों 9:21 - Garhwali21 अर माटा का भाँडो तैं बणौण वळु मनखि जन चौ उन भाँडा बणै सकदु। अर वु माटा का एक बड़ा गोळा मा बटि एक सुन्दर भाँडु बणौन्दु, जु कि खास काम मा ही इस्तेमाल किये जान्दु। अर वे ही गोळा मा बटि एक इन भाँडु भि बणौन्दु, जु कि रोज का कामों मा इस्तेमाल किये जान्दु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम21 क्य कुमार तैं माटा पर अधिकार नि च, कि एक ही चाक मा बट्टी, एक भांडों अच्छा काम कु, अर दूसरो अनादर का काम कु? အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
मगर दुई जौंळ्या बच्चों तैं जनम देण से पैलि, पिता परमेस्वर न रिबका कू बोलि छौ कि, “बड़ु नौनु अपणा छुटा भै की सेवा करलु।” अर ना ही ऊं नौनो न कुई अच्छु या बुरु काम कैरी छौ। मगर पिता परमेस्वर न इन इलै बोलि, ताकि वेन जैतैं चुण्यूं च, वेका द्वारा पिता परमेस्वर की योजना बणि रौ। अर यू सब त इलै ह्वे, ताकि इन साबित ह्वे जौ कि कै मनखि को चुणै जाण परमेस्वर की मनसा का मुताबिक ही होन्दु। अर पिता परमेस्वर की योजना कै मनखि का काम का मुताबिक नि बणदी, बल्किन मा वेन वेतैं किलै बुलै वेका मुताबिक होन्दी।