“वेन ऊंका आंख्यों तैं अन्धु अर मन तैं निठुर कैरियाली, ताकि वु आंख्यों बटि ना देखा अर ना ही मन बटि समझा। अगर ऊंन देखियाली अर समझियालि अर अपणा मन से पस्ताप कैरियाली, त कखि इन ना हो कि मि ऊंतैं खूब कैरी द्यूं।”
हे मेरा भै-बैंणो, मि नि चान्दु कि तुम खुद तैं अपणी नजर मा भौत समझदार समझा। पर जबरि तक पिता परमेस्वर की मनसा पूरि नि ह्वे जौ, कि उ अपणा चुण्यां लोगु तैं अपणा पास लेके अऽ, वेका बाद ही इस्राएली लोग का निठुर मन टूटी जाला, तब ऊ यीशु मसीह की बातों को पालन करला।