किलैकि ऊ परमेस्वर तैं जणदा छिन, मगर ऊंन वेतैं वु आदर-सम्मान नि दिनी जु कि वेको च अर ना ही ऊंन वेको धन्यवाद कैरी। मगर वु लोग त वेका बारा मा बुरा विचार रखण लगि गैनी अर इनकै ऊंका मनों मा अन्धेरु समै गै।
इलै जब हम ईं दुनियां की रीति-रिवाजों का मुताबिक जीवन जीणा छा त हम पाप पर पाप करदी जाणा छा, अर परमेस्वर का नियम-कानूनों का द्वारा ही हमतै पता चलि कि पाप हमरा जीवनों मा काम करदु, अर वेको नतीजा मौत च।
पर अगर जु पिता परमेस्वर को पवित्र आत्मा सच्चि मा तुम मा वास करदु, त ईं बात तैं जाणि ल्या, कि तुम लोग ईं दुनियां मा पाप का वस मा नि छाँ, बल्किन तुम मा पवित्र आत्मा को वास च। अर जै मनखि मा प्रभु यीशु को पवित्र आत्मा वास नि करदु, वु मनखि यीशु मसीह को नि ह्वे सकदु।
अर मि चान्दु कि इन्दरि कुई भि बात नि च ज्वा कि तुमतै पिता परमेस्वर का काम करण से रोको। अर एक अणविवाक मनखि कि सोच इन होन्दी कि वेको सब काम प्रभु यीशु खुणि हो, ताकि वेका द्वारा प्रभु खुश ह्वे जौ।
ताकि तुमरो चाल-चलन हरेक बात मा प्रभु तैं खुश करण वळु हो। अर हरेक किसम का भलै का काम अच्छा फलों की तरौं छिन, इलै तुम ऊंतैं अपणा जीवनों मा लेके आ, अर परमेस्वर का ज्ञान मा और भि जादा बढदी जा।
हे मेरा भै-बैंणो, कुछ और भि बात छिन जु की मि तुमतै बतौण चाणु छौं। परमेस्वर तैं खुश करणु खुणि मनखि को चाल चलण कन्द्रयो होण चयेणु, ईं बात की शिक्षा हमुन तुमतै दियाली, अर वेका मुताबिक तुम चलणा भि छाँ। अब हम तुम बटि प्रभु यीशु का नौ से बिन्ती करद्यां, कि तुम अगनै भि इन्नि चलणा रा।