अर सुणा, तुमतै ईं दुनियां का मुताबिक अपणु जीवन नि जीण चयेणु, पर पिता परमेस्वर का द्वारा तुम अपणा मन तैं नयू बणै के अपणा चाल-चलन तैं बदला। तब जैके तुम पिता परमेस्वर की मनसा तैं जाणि सकिल्या, कि कु जि बात वेतैं अच्छी लगदिन, अर कु जि बात छिन जु कि स्वीकार करण लैख छिन जौं मा कुछ भि गळत नि हो।
अब तुम सुचणा ह्वेल्या, कि जु कुछ भि हम बोन्ना छां वांको मतलब क्या च? त हम तुमतै बतै देन्द्यां कि जब हम इन बुल्द्यां की बिस्वास करण से ही हमतै छुटकारा मिलदु, त यां को मतलब यू नि च कि हम नियम-कानूनों तैं रद्द कना छां, बल्किन मा हम पिता परमेस्वर की बातों तैं पूरु करणा छां।
हे मेरा भै-बैंणो, हम जणदा छां कि पिता परमेस्वर का नियम-कानून पवित्र छिन, मगर मि एक साधारण सि मनखि छौं, अर पाप का वश मा होण की वजै से मि भि वेको गुलाम छौं।