रोमियों 4:15 - Garhwali15 मगर सच्चै त या च कि नियम-कानूनों से लोगु तैं दण्ड मिलदु, किलैकि लोग नियम-कानून को पालन पूरि तरौं से नि कैरी सकदिन। अगर नियम-कानून नि होन्दा, त लोग भि नियम-कानून का खिलाप मा जैके दोषी नि ठैरदा। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम15 परमेश्वर वे पर गुस्सा हूंद जु यु तैं पूरी ढंग से नि मंणदु; अर जख व्यवस्था नि च उख व्यवस्था कु उल्लंघन भि नि हूंद। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अब तुम सुचणा ह्वेल्या, कि फिर नियम-कानूनों तैं देण की क्या जरुरत रै होलि? अरे, यू सब त इलै ह्वे, ताकि नियम-कानूनों का द्वारा मनखियों तैं अपणा सब पापों को पता चलि जौ। अर जबरि तक करार को वंशज यीशु मसीह ऐ नि गै, नियम-कानून भि तबरि तक ही छा। अर वे बगत नियम-कानून स्वर्गदूत का द्वारा परमेस्वर का रैबर्या मूसा तैं दिये गैनी, अर वे बगत पितर मूसा न परमेस्वर अर मनखियों का बीच बिचलु होण को काम कैरी।