दिब्य दरस 4:11 - Garhwali11 “हे हमरा प्रभु, अर हमरा परमेस्वर, तुमरि ही बडै हो, अर पूरु आदर-सम्मान तुमतै ही मिलु, अर तुमरि ताकत की तारीफ हो, किलैकि तुमुन ही सब चीजों तैं बणै, अर तुमरि मनसा से ही यू सब बणि अर यों सब चीजों को बजूद च।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम11 हे हमारा प्रभु परमेश्वर, तिल सभि चीजों की रचना कैरी, तेरी ही इच्छा का अनुसार, उ बणये गैनी अर उ मौजूद छिनी, इलै ही तू महिमा अर आदर अर सामर्थ पांणा का योग्य छै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर ऊ एक नयू गीत गाण लगि गैनी ऊंन बोलि कि, “हे हमरा मालिक हे हमरा प्रभु पिता, दस्तावेज तैं लेण का लगीं मोरों तैं खुलण का काबिल छाँ तुम यीशु बलिदान सिरफ तुम होयां। तुमुन ही हरेक गोत्र का, जाति हरेक भाषा का, देस-देस का लोगु तैं, ल्वे से अपणा खरीदी च, तुमुन ही ऊं लोगु तैं बणै एक पुरोहित च, पिता परमेस्वर खुणि राज्य एक बणयूं च राज करला वु सभि, औण वळी धरती मा।”