दिब्य दरस 3:21 - Garhwali21 “जु जीत हासिल करलु, वेतैं मि अफ दगड़ा राजगद्दी पर बिठौलु, ठिक जन मिन जीत हासिल कैरी अर मेरा पिता न मितैं अपणी राजगद्दी पर बैठे। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम21 उ जु जीत जंदींनि, वे तैं मि अपड़ा सिंहासन का बगल मा सिंहासन पर बैठणों कु अधिकार दयुलु। यु बिल्कुल मि जन ही होलो, जन मिल जीत हासिल कैरी अर अपड़ा बुबा का बगल मा आसण प्राप्त कैरी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तब मिन राजगद्दी देखि अर ऊं लोग की आत्माओं तैं भि देखि जु कि राजगद्दी पर बैठयां छा, जौं का मुण्ड़ यीशु की गवै देण अर परमेस्वर का वचन तैं बतौण की वजै से कटै गै छौ। अर यू वु आत्मा छिन जौं तैं परमेस्वर न न्याय करण को अधिकार दिनी। अर यों न नऽ त दैंत की, अर ना ही वेकी मूरत की पूजा कैरी, अर ना ही अपणा माथा या हाथ पर वेकी मोर लगवै, वु सब ज्यून्दा ह्वे गैनी, अर ऊंन राजा बणि के मसीह का दगड़ा मा एक हजार साल तक राज कैरी।