दिब्य दरस 3:17 - Garhwali17 किलैकि तुम बुल्द्यां कि, मि सेठ छौं अर अपणी कोसिस से मिन भौत दौलत हासिल कैरियाली, अर अब मितैं कैं भि चीज कि जरुरत नि च, मगर तुम इन नि जणद्यां कि तुम लाचार, अर बदकिस्मत छाँ अर भौत गरीब, अन्धु अर नंगा छाँ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम17 तू बुल्दी छै कि तू धनवान छै अर त्वे मा उ सब कुछ च जै की त्वे तैं जरूरत च, पर सचै य च कि तू अंधा जन छै, तू नि जणदी कि तू हकीकत मा कन छै। त्वे पर तरस आंण चयणु। किलैकि तू गरीब छै, यांको मतलब यो च कि त्वे मा विश्वास की कमी च तू ऊं लुखुं का जन छै जौं मा कपड़ा नि छिनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |