दिब्य दरस 3:10 - Garhwali10 किलैकि तुमुन सबर रखी के मेरी बात तैं माणी, इलै अजमैस का वे बगत मा मि भि तुमरि हिफाजत करलु, ज्वा कि धरती का सब लोगु तैं अजमौणु खुणि औण वळी च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम10 तिल मेरा संदेश कु पालन कैरी कि जब तू दुःख उठौ त वे तैं धैर्य दे के सै साकी। इलै, मि त्वे तैं वीं बड़ी अजमैश का बगत मा सुरक्षित रखलु जु ईं दुनिया का सभि लुखुं पर आली। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर उ धरती का लोगु तैं भरमौणु रै, किलैकि ये दैंत का पास समुन्दर वळा दैंत की तरौं चमत्कार करण को अधिकार दिये गै। अर ये दैंत न धरती का लोगु तैं समुन्दर वळा दैंत की मूरत बणौणु कू बोलि, हाँ वे ही दैंत की जैका मुण्ड़ पर तलवार से एक इन्दरि चोट लगि छै कि वेकी बचण की उम्मीद नि छै, मगर वेको उ घौ खूब ह्वे गै छौ।
अर जु दैंत तिन देखि, पैलि उ ज्यून्द छौ पर अब वु मोरि गै, मगर उ फिर से ज्यून्द ह्वेके अधलोक बटि निकळि के आलु, अर वेको नास फिर से ह्वे जालु। अर धरती पर रौण वळा जौं लोगु का नौ दुनियां की शुरुवात बटि जीवन की किताब मा नि लिख्यां छिन, वु सब लोग वे दैंत का दगड़ा मा जु कुछ भि ह्वे देखि के बड़ु ताजुब करला।