दिब्य दरस 21:3 - Garhwali3 फिर मिन राजगद्दी बटि कैतैं एक तेज आवाज मा इन बुल्द सुणी, “देख, परमेस्वर को डेरा मनखियों का बीच मा च, अर अब वु ऊंका बीच मा रालु, अर ऊ वेका लोग होला। अर परमेस्वर खुद ऊंका बीच मा रालु। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम3 फिर मिल एक आवाज सूंणि जु पिता परमेश्वर का सिंहासन बट्टी जोर से बोलि, “देख, अब बट्टी पिता परमेश्वर लुखुं का बीच अपड़ो डेरा बणालो। उ, ऊं दगड़ी रालो, अर उ वेका लोग होला, पिता परमेश्वर अफ, ऊं तैं अपड़ा लुखुं का रूप मा स्वीकार करला अर उ, ऊं दगड़ी रालो, अर उ भि वे तैं अपड़ा पिता परमेश्वर का रूप मा स्वीकार करलो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर मनखि खुद परमेस्वर को मन्दिर च, किलैकि ज्यून्द परमेस्वर अपणी पवित्र आत्मा का द्वारा हम मा रौन्दु, इलै मूरतों का दगड़ा मा परमेस्वर का मन्दिर को कुई रिश्ता नि च। अर जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च की परमेस्वर इन बुल्दु कि, “मि ऊंमा रौलु, अर ऊंका दगड़ा मा चललु, अर मि ऊंको परमेस्वर होलु, अर ऊ मेरा लोग होला।”
तब मिन स्वर्ग मा एक ऊँची आवाज तैं इन ऐलान करद सुणी, “सुणा, अब हमरा परमेस्वर की तरफा बटि मिलण वळु छुटकारा, अधिकार अर राज की स्थापना ह्वे गै, अर वेका मसीह को राज कन को अधिकार परगट ह्वे गै, किलैकि हमरा बिस्वासी भै-बैंणो पर दोष लगौण वळा तैं मूड़ी ढुळै गै, अर यू वु छौ जैन पिता परमेस्वर का समणि रै के ऊं पर दिन-रात दोष लगौण को काम कैरी।