दिब्य दरस 21:27 - Garhwali27 अर कुई भि अशुद्ध चीज, अर ना ही कुई इन्द्रयो मनखि जु कि इन्द्रया काम करदु हो ज्यां से की घिण अऽ, या झूठ्ठ बुल्दु हो इन्द्रया लोग वेमा कभि दाखिल नि ह्वे सकला। मगर जौं को नौ जीवन की किताब मा लिख्यां छिन उई लोग वेमा दाखिल होला, अर या किताब यीशु मसीह की च जु कि मेम्ना की तरौं बलिदान ह्वे गै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။गढवली नयो नियम27 पर कुछ भि दुष्ट वे शहर मा प्रवेश नि करलो। कुई भि जु तुच्छ काम करद या जु झूठ बुल्द उख प्रवेश नि करलो। उख भस उ ही लोग प्रवेश कैर सकदींनि जैको नौं चिनखा की जीवन की किताब (चाम्रपत्र) मा लिख्युं च, इख उ किताब च जौं मा ऊं लुखुं का नौं छिनी जौं मा अनन्त जीवन च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
अर जु लोग दुसरो का दगड़ा मा सरील का गळत सम्बन्ध रखदिन, जन कि एक बैख दुसरा बैख का दगड़ा मा अर ठिक उन्नि एक जनानि दुसरि जनानि का दगड़ा मा सरील का सम्बन्ध रखदी हो, अर जु गुलाम लोगु तैं बिकौण को काम करदिन, झूठ्ठ बुल्दिन अर झूठ्ठी कसम खनदिन, अर जु लोग सच्चा उपदेस का विरोध मा जाळसाजि बणौन्दिन, इन्द्रया लोगु खुणि परमेस्वर का रैबर्या मूसा का द्वारा नियम-कानून दियूं च।